झूठी मुस्कराहट

जीने को दिल नहीं चाहता। परिवार चाहता है मैं किसी लड़की से शादी करके घर बसा लूं। रोज मानसिक तौर पर दबाव दिया जाता है। पर क्या कर सकता हूँ मैं। वो सोचते हैं यह एक मानसिक बीमारी है जो किसी डॉक्टर के पास जा कर ठीक हो जाएगी। उनके लटके हुए चेहरे देख कर लगता है अब मरने के सिवा कोई चारा नहीं......
शादी करना बड़ी बात नहीं....लेकिन कब तक मैं उस लड़की को धोखा दे सकता हूँ... और नहीं तो क्या यह एक धोखा ही तो है.... सेक्स भी जबरदस्ती करना होगा... झूठी मुस्कराहट देनी होगी... ज़िन्दगी और वोह दोनों बोझ बन कर रह जायेंगे .... दिल अभी भी तड़पता है लेकिन तब आत्मा भी तडपेगी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Prashant's Story - In Hindi

मैं इंतज़ार करूँगा....हमेशा :)

आज मन फिर उदास है !